1) पत्तो में हरितद्रव व हरे रंगा का प्रमाण बढाता है। ऑक्झीन एवं झिब्रेलिन के प्रमाण को बढाता है।
2) पौधो की उंचाई फुटवों की संख्या बढाता है। फुल आने की क्रिया जलद गती से एवं अधिक प्रमाण में होती है।
3) फुलो के झड़ने की रोकथाम करता है एवं शाखाओं की धारण क्षमता को बढाता है।
4) 100% पराग कण को तयार करता है। फलों में रस एवं गर के प्रमाण को बढाता है।
5) उपरोक्त कारणों से उत्पादन में लक्षणीय वृध्दी होती है।